लखनऊ का नाम सुनते ही जेहन में नवाबी सिटी की कल्पना उभर आती है। इसके बाद नक्काशी, चिकनकारी, लाजवाब पकवान और न जाने क्या-क्या? तहजीब और अदब के इस शहर की खुशबू एक बार महसूस हो जाए तो फिर हमेशा के लिए ही दिल में बस जाती है। लखनऊ में बहुत कुछ है जो पुराने समय से लेकर आज तक के डिवलपमेंट की कहानी कहता है। खास बात यह है कि इन सबके बीच कहीं भी तालमेल का अभाव नहीं लगता। अगर आप यहां रेजीडेंसी घूमेंगे तो आजादी की जंग याद आएगी फिर अगर गोमती किनारे की सैर करेंगे तो यहां की फिजा में बिखरी मोहब्बत का अहसास होगा। ऐसी और भी बहुत सी जगहें हैं तो आइए जानते हैं कि इस वीकेंड आप लखनऊ की किन जगहों की सैर करके इस वीकेंड ट्रिप को यादगार बना सकते हैं।
गोमती रिवर फ्रंट
गोमती रिवर फ्रंट आज की कहानी कहता है। इको-फ्रेंडली ग्रीन थीम पर बने इस रिवर फ्रंट में दाखिल होने से पहले ही पलाश और गुलमोहर के खूबसूरत फूल आपका इस्तकबाल करते नजर आएंगे। इसके अलावा फ्रंट के आसपास लाइट की ऐसी व्यवस्था की गई है कि शाम ढलते ही पानी पर उसकी रोशनी पड़ते ही यह जगह और भी ज्यादा अट्रैक्टिव लगने लगती है। बता दें कि गोमती को लंदन की टेम्स नदी के तर्ज पर डिवलप किया गया है।
गोमती रिवर फ्रंट आज की कहानी कहता है। इको-फ्रेंडली ग्रीन थीम पर बने इस रिवर फ्रंट में दाखिल होने से पहले ही पलाश और गुलमोहर के खूबसूरत फूल आपका इस्तकबाल करते नजर आएंगे। इसके अलावा फ्रंट के आसपास लाइट की ऐसी व्यवस्था की गई है कि शाम ढलते ही पानी पर उसकी रोशनी पड़ते ही यह जगह और भी ज्यादा अट्रैक्टिव लगने लगती है। बता दें कि गोमती को लंदन की टेम्स नदी के तर्ज पर डिवलप किया गया है।
रेजीडेंसी
यह लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों में से एक है और जंग-ए-आजादी का किस्सा कहता है। इसका निर्माण साल 1800 में हुआ था। इसके बाद 1857 में जंग-ए- आजादी के दौरान अंग्रेजों ने इसे अपना निवास स्थान बना लिया। तब इसका नाम पड़ा रेजीडेंसी। यहां की दीवारों पर आज भी गोलियों के निशान देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहां हर वीकेंड पर लाइट ऐंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है। जिसमें जंग-ए-आजादी का और रेजीडेंसी के योगदान को दिखाया जाता है।
लखनवी व्यंजन
लखनऊ आएं और यहां के फेमस व्यंजनों का स्वाद न चखें तो कुछ अधूरा लगेगा आपको। अकबरी गेट पर मिलने वाला टुंडे कबाब तो पूरे देश में फेमस है। इसे बनाने में तकरीबन 100 तरह के मसालों का प्रयोग होता है। इसके अलावा मटन बिरयानी का जायका काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां मिलने वाला मटन का खास जायका रोगन जोश भी लोगों की पहली पसंद है। इसके अलावा अमीनाबाद की कुल्फी एक बार चख ली तो स्ट्रेस छूमंतर हो जाएगा। गजब का स्वाद है। लोग दूर-दूर से इसका स्वाद चखने आते हैं।
जनेश्वर मिश्र पार्क
इस पार्क को दिवगंत नेता पंडित जनेश्वर मिश्र की स्मृति में बनाया गया है। यह पार्क 376 एकड़ में बना है। बता दें कि यह एक ऐसा पार्क है, जहां पर आप साइकिलिंग, बोटिंग, गंडोला बोट राइडिंग (यह खास तरह की बोट होती है, जो कि पानी में दो दशक तक रहने के बावजूद खराब नहीं होती, इसकी शुरुआत इटली से मानी जाती है।) का मजा एक ही जगह पर उठा सकते हैं। इसके अलावा पार्क में 207 फीट ऊंचा लहराता हुआ तिरंगा है।
संगीत नाटक अकादमी
लखनऊ आएं और संगीत नाटक अकादमी न जाए तो आप कुछ तो मिस ही कर जाएंगे। जी हां, लखनऊ की हर शाम खास होती है। यहां स्थित संगीत नाटक अकादमी में आयोजित होने वाले नाटक और सांस्कृतिक संध्या यहां की तहजीब को पर्दे पर उतारती हैं। इस अकादमी में इन प्रस्तुतियों के अलावा आज की पीढ़ी को संगीत की अलग-अलग विधाओं से भी परिचित कराया जाता है। साथ ही इंटरस्टेट प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।