मिर्जापुर के विंध्य पर्वत पर बसी मां विंध्यवासिनी के दरबार की महिमा अप्रतिम है। महाभारत हो या पद्मपुराण, हर जगह मां के इस स्वरूप का वर्णन मिलता है। मां विंध्यवासिनी की पूजा के बारे में कहा जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा सृष्टि के आरंभ से ही होती आ रही है। मां के ही आर्शीवाद से इस सृष्टि का विस्तार भी माना जाता है। तो अगर आप मां के इस अद्भुत अलौकिक स्वरूप के दर्शनों के लिए जाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं कि आप मां के द्वार कैसे पहुंचेंगे?
ट्रेन मार्ग
विंध्यवासिनी मां के दरबार में पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन विंध्याचल है। मंदिर की दूरी यहां से तकरीबन एक किलोमीटर है। इसके अलावा मिर्जापुर रेलवे स्टेशन भी जा सकते हैं।
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सड़क मार्ग
सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं राष्ट्रीय राजमार्ग 2 यानी कि एनएच 2 से जा सकते हैं। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलाहाबाद और वाराणसी से उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन की बसें भी चलती हैं।
वायु मार्ग
मां विंध्यवासिनी दरबार के लिए अगर वायु मार्ग का सहारा लेना चाहते हैं तो सबसे निकटतम एयरपोर्ट वाराणसी के बाबतपुर में है। इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री के नाम से जानते हैं। यहां से मां विंध्यवासिनी मंदिर की दूरी तकरीबन 72 किलोमीटर है।