पंजाब आते ही आपको तंदूर की महक दीवाना बना देती है। यहां के खाने में आपको ढेरों वेराइटी तो मिलेगी ही, साथ ही यहां के पिंडी छोले का स्वाद और देसी कुक्कड़ खाकर आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे। मक्के दी रोटी के साथ सरसों के साग का तो पूरा भारत दीवाना है। इन सबसे इतर भी कुछ व्यंजन हैं, जो धीरे-धीरे रसोई से गायब होते जा रहे हैं। इस बार लुत्फ उठाएं कुछ ऐसी ही रेसिपीज़ का।
साग गोश्त
साग यानि हरी पत्तेदार सब्जियां जो कि गोश्त के साथ पकाई जाएं। इसकी महक दूर तक जाती है। सर्दियों में सरसों का साग, बथुआ और मेथी को मीट के साथ तैयार किया जाता है। कुछ लोग पालक के साथ भी इसे बनाते हैं। इसका असली मज़ा लैंब मीट के साथ ही है लेकिन ज्यादातर लोग इसे चिकन के साथ पकाते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसमें पालक, मटन और भुनी प्याज का टेस्ट डिश को स्वादिष्ट बनाता है।
बदलता रूप
रेड मीट को लोग गर्मी में अवॉयड करते हैं। इस वजह से पालक के साथ चिकेन खाया जाता है। इसका असली स्वाद मटन के साथ ही आता है। एक बार इस स्वाद को चखकर जरूर देखें। स्टीम्ड राइस या फिर नान के साथ इस डिश को परोसें।
फुलकारी पुलाव
फुलकारी पुलाव पंजाब की लुप्त होती जा रही एक रेसिपी है। पुलाव का यह नाम वहां के कपड़ों पर की जाने वाली कलाकारी से लिया गया है, पर आजकल लोग इस डिश का स्वाद भूलते जा रहे हैं।
बदलता रूप
इंडियन क्यूज़ीन में पुलाव में 100 से भी ज्यादा रेसिपीज़ हैं। फुलकारी पुलाव घी, ड्राईफ्रूट्स, दूध और मसालों के कारण रिच पुलाव की श्रेणी में आता है। इसमें कैलेरीज़ भी ज्यादा होती है। आप घी या ड्राईफ्रूट्स की मात्रा कम कर सकते हैं।
रूह की खीर
इस खीर को गर्मियों में खाने का मज़ा है क्योंकि चावल को गन्ने के रस में पकाया जाता है। सर्दियों में इसमें गुड़ मिलाकर खाया जाता है, जो कि पाचन के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद है। अगर इस सीज़न में गुड़ के साथ बना रहे हैं तो इसमें सौंफ पाउडर, कुछ काली मिर्च के दाने और सूखे मेवे डालकर धीमी आंच पर पकने दें।
बदलता रूप
यह गन्ने के रस का पारंपरिक तरीका था, जिसका स्वाद बेमिसाल है। इसे कभी-कभार घर में बनाया जा सकता है। आजकल गन्ने का जूस लोग ज्यादा पीते हैं, इसके अलावा गुड़ या जैगरी से बनी कुकीज़ या डेजटर्स भी मार्केट में बिकते हैं।
चट्टी का कुक्कड़
कुक्कड़ का मतलब है चिकन। यह डिश स्टार्टर के रूप में परोसी जाती है। इसे आप ग्रेवी में भी बना सकते हैं लेकिन इसका पारंपरिक तरीका इस प्रकार है- चिकन को अदरक-लहसुन पेस्ट में मैरिनेट कर तंदूर में स्मोक्ड किया जाता है। इसका स्मोकी फ्लेवरआपको हर स्वाद भुला देगा। पहले के लोग इसे चट्टी यानी मिट्टी की देग में पकाकर बीच में एक कटोरी रख जलवा कोयला व घी डालकर ढक्कन को सील कर देते थे लेकिन अब इसे माइक्रोवेव व तंदूर में पकाया जाता है।
बदलता रूप
मिट्टी के बर्तन की अपनी एक अलग सोंधी सी खुशबू होती है जो डिश को और ज्यादा लजीज़ बना देती है। उस पर अगर इसे स्मोक किया जाए तो इसका स्वाद दोगुना हो जाता है। मिट्टी के बर्तन में खाना धीमी आंच पर घंटो तक पकता है। अब इस डिश को माइक्रोवेब, तंदूर व पैन में पकाया जाने लगा है। डिश वही है कुकिंग टेक्नीक बदल गई है।
कच्ची केरी नु साक
जैसे ही गर्मियों की शुरुआत होती है, हम सभी आमों का स्वागत करते हैंऔर जब हम आमों के बारे में बात करते हैं तो कच्चे आमों को कौन पसंद नहीं करता, खासतौर से बहुत से लोग इसे काटकर, नमक, लाल मिर्च पाउडर और चाट मसाला डालकर खाते हैं। कच्ची केरी नु साक जैसे स्पेशल डिश के लिए आपको कच्चे आम और कुछ मसालों की जरूरत होगी, जो बहुत ही सरल और आसान तरीके से बनाई जाती है। इसकी थोड़ी मीठी, मसालेदार और तीखी करी बनाने के लिए तैयार हो जाएं।
बदलता रूप
इस डिश में बाद में कई नई चीज़ें ऐड की गई हैं, जैसे सौंफ पाउडर और काला नमक डालने से डिश का स्वाद दोगुना हो जाता है।
गोभी डंठल
अगर किसी ने गोभी के डंठल की सब्जी नहीं बनाई है तो इस बार डंठल को फेंकने के बजाय प्याज-अदरक-लहसुन पेस्ट के साथ बनाकर देखें। इसका एकदम अलग स्वाद आपको पसंद आएगा।
बदलता रूप
गोभी के डंठल की सब्जी तब तैयार की जाती है, जब गोभी के पराठे खाने हों। बचे डंठल की सब्जी बनाकर कुरकुरे स्टफ्ड परांठे के साथ परोसें।