वास्तुकला का अद्भुत संगम देखना हो तो राजस्थान का ‘खिमसर किला’ एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। यहां का वास्तुशिल्प और किले के अंदर बनाई गई वास्तुकला वास्तुप्रेमियों को खूब लुभाती है। अगर आपको भी किसी ऐसी ही जगह की तलाश है तो इस वीकेंड्स का प्लान कर सकते हैं। साथ ही इस शानदार जगह की यादगार ट्रिप को अपनी ट्रैवल मेमोरी का हिस्सा बना सकते हैं।
ठाकुर करम सिंह ने बनवाया था ‘खिमसर किला’
खिमसर किला थार रेगिस्तान के पूर्वी किनारे पर जोधपुर और नागौर के बीच में है। यह तकरीबन 500 वर्ष पुराना किला है। इसका निर्माण राव जोधाजी के आठवें बेटे ठाकुर करम सिंह ने 1523 के आसपास करवाया था। इसमें महिलाओं के लिए खास जगह बनाई गई थी। इसके अलावा एक शाही विंग का भी निर्माण करवाया गया था
शानदार वास्तुकला का अद्भुत नमूना
खिमसर किले में खास तरह के पत्थर और रेत का प्रयोग किया गया है। इससे यह किला सुनहरे रंग में चमकता हुआ दिखाई देता है। जानकार बताते हैं कि इस किले को बनाने के लिए प्रयोग की गई वास्तुकला में नागौर के पारंपरिक सिद्धांतो का प्रयोग किया गया है। वहीं किले में भारतीय, इस्लामिक और फारसी शैली की वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। यानी कि एक ही जगह पर कई वास्तुकला की कई शैलियों से परिचित होंगे। बता दें कि किले की वास्तुशिल्प में तीन शैलियों मध्ययुगीन, मुगल और अंग्रेजी शैली का नमूना देखने को मिलता है।
भारत की प्रमुख विरासतों में से एक
राजस्थान के खिमसर किले को भारत की प्रमुख विरासतों में शामिल किया गया हे। इसके अंदर आपको पुराने हथियार, तोप और बंदूकों के अलावा अस्तबल और खंडहर देखने को मिलेंगे। बता दें कि यह किला 11 एकड़ की जमीन पर बना हुआ है। साथ ही इसके अंदर तमाम हरियाली भी देखने को मिलती है जो कि इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती है।