सर्दियों में जंगल सफारी का एक अलग ही मजा है। अगर आप भी सर्दियों में जंगल सफारी का मजा लेना चाहते हैं, तो आपके लिए कान्हा नैशनल पार्क बेस्ट जगह है। यह नैशनल पार्क मध्य प्रदेश में स्थित है और सतपुरा के जंगलों में 2 जिलों मंडला और बालाघाट में 940 स्क्वेयर किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। यहां बंगाल टाइगर की अच्छी खासी आबादी है, जिसके करण जंगल सफारी के दौरान यहां बाघ दिखने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। बंगाल टाइगर के अलावा यह नैशनल पार्क बारहसिंघों के लिए भी फेमस है। हालांकि यहां चीता, बाघ, चीतल, बार्किंग डियर, गौड़ और पक्षियों की कई प्रजातियां भी पाई जाती हैं।
कान्हा नैशनल पार्क हर साल 15 अक्टूबर से 30 जून तक सैलानियों के लिए खुला रहता है। कान्हा नैशनल पार्क में सबसे ज्यादा सैलानी नवंबर और फरवरी के बीच आते हैं क्योंकि यह समय नैशनल पार्क में आने के लिए सबसे अच्छा होता है। सर्दी के महीनों में बहुत सारे प्रवासी पक्षी पार्क में आते हैं, इसलिए यह समय बर्ड वॉचिंग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर अपको भी जंगल और जानवरों को देखने का शौक है, तो एक बार आपको कान्हा नैशनल पार्क घूमने जरूर जाना चाहिए।बाघ के अलावा इस नैशनल पार्क में आपको स्लॉथ बेअर और जंगली कुत्ते भी नजर आ सकते हैं।
प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग की मशहूर किताब ‘जंगल बुक’ में भी इस नैशनल पार्क का जिक्र मिलता है। साल के ऊंचें-ऊंचे पेड़, बांस के घने जंगल और ऊंचे-ऊंचे घास के हरे-भरे मैदान कान्हा नैशनल पार्क की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। प्रकृति को नजदीक से फील करने आप होटलों के बजाए फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं। कान्हा नैशनल पार्क का सनसेट पॉइंट सैलानियों के बीच काफी फेमस है। जहां आप सांभर और गौड़ जैसे जानवरों के बीच खूबसूरत सनसेट का नजारा देख सकते हैं। जंगल सफारी की बात करें, तो जीप के साथ ही एलिफेंट सफारी भी करवाई जाती है। इसके जरिए आप बेहद नजदीक से जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में रहते हुए देख सकते हैं।