हमारे देश में विभिन्न धर्मों और अलग- अलग पंथों को मानने वाले लोग रहते हैं। यही हमारे देश और संस्कृति की खूबसूरती है कि अलग-अलग मत और विश्वास होने के बावजूद हम सभी एक है। हमारे ही समाज का एक अभिन्न अंग है सिंधी समाज। देश में अब तक खासतौर पर सिंधी समाज को समर्पित कोई प्रसिद्ध तीर्थ नहीं था लेकिन अब झूलेलाल तीर्थधाम के साथ यह कमी पूरी हो गई है। वर्षों से इस पूजनीय धरती पर स्थित छोटे से मंदिर को तीर्थधाम का रूप दिया जा रहा है।यह पवित्र धाम दुनियाभर में रह रहे सिंधी समाज के लोगों के बीच श्रद्धा और भक्ति का केंद्र रहेगा। यहां जानिए, कहां स्थित है यह पवित्र धार्मिक स्थल और आप कैसे यहां पहुंच सकते हैं…
कहां स्थित है झूलेलाल धाम
सिंधी समाज के आराध्यदेव भगवान झूलेलाल को समर्पित झूलेलाल तीर्थधाम गुजरात राज्य के कच्छ जिले के लखपत शहर में स्थित है। किसी समय में यहां सिंधू नदी का बहाव था और यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है। इस स्थान पर बने नारायण सरोवर का वर्णन पुराणों में भी मिलता है।
झूलेलाल तीर्थधाम का महत्व और खूबियां…
- झूलेलाल तीर्थधाम लखपत शहर में कोरी क्रीक के किनारे पर स्थित है। किसी समय सिंधू नहीं इस स्थान पर बहा करती थी। कहा जाता है कि यह नदी पवित्र नारायण सरोवर और कोटेश्वर महादेव मंदिर के बीच विलय हो जाती थी।
- -नारायण सरोवर का उल्लेख भगवत पुराण में भी पांच सरोवरों में से एक के रूप में मिलता है। सिंधि समाज में नदियों का अध्यात्मिक महत्व है और इनकी पूजा की जाती है।
- -यह धाम सिंध की राजधानी कराची के करीब भी है, जो पाकिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित है। माना जाता है कि भगवान झूलेलाल, जो सिंधियों के आराध्य देवता हैं वह समुद्र से प्रकट हुए थे।
- -झूलेलाल धाम 42 एकड़ भूमि पर बना है और इसका ओवर लुक अरब सागर की ओर है। ‘तीरथ’ का शाब्दिक अर्थ है ‘रिवर फ्रंट’ या पवित्र स्थान माना जाता है। झूलेलाल तीर्थधाम आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र है। अपनी लोकेशन और आध्यात्मिक गतिविधियों के कारण यह स्थान टूरिज़म के लिहाज से भी पर्फेक्ट है। अगर आपका स्प्रिचुअल टूरिज़म करने का इरादा है तो आप गुजरात में झूलेलाल तीर्थधाम आ सकते हैं।