होली का मस्ती भरा त्योहार हो और लॉन्ग वीकेंड मिल जाए तो इससे बढ़िया मौका ट्रैवल के शौकीनों के लिए क्या होगा? इस साल होली 21 मार्च यानी गुरुवार को है और शुक्रवार की एक दिन की छुट्टी लेने के बाद शनिवार-रविवार मिलाकर 4 दिन का लंबा वीकेंड बन रहा है। ऐसे में ट्रैवल के शौकीन का उत्साह देखते ही बन रहा है। यही वजह है कि होली वीकेंड में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल बुकिंग 15 फीसदी बढ़ गई है।
कोक्स ऐंड किंग्स के हेड (रिलेशनशिप) करण आनंद कहते हैं, ‘ज्यादातर ट्रैवलर्स खासकर सोलो, कपल और ऐसे कपल जिनके बच्चे नहीं है, उनके लिए मार्च घूमने के लिए सबसे बढ़िया ऑप्शन इसलिए भी रहता है क्योंकि यह हाई ट्रैवल सीज़न नहीं होता। इस समय होटेल वगैरह की अप्रैल-मई के मुकाबले सस्ते मिल जाते हैं। इंटरनैशनल डेस्टिनेशन की बात करें तो भूटान, मालदीव, थाइलैंड, दुबई और नेपाल वीकेंड ट्रैवलर्स के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।’ ऐसे ट्रैवलर्स जो घूमने के साथ-साथ होली के त्योहार का मजा देश में ही लेना चाहते हैं, खासतौर पर पंजाब, पश्चिम बंगाल, लखनऊ, कर्नाटक, दिल्ली और मुंबई घूमने का प्लान बना सकते हैं। खास बात यह है कि इन शहरों की होली देखने लायक है। हम आपको बता रहे हैं इन जगहों पर होली के दौरान कुछ मुख्य आकर्षणों के बारे में…
पंजाब
पंजाब में होली का मुख्य आकर्षण होला-मोहल्ला है, जो होली के अगले दिन आनंदपुर साहिब में मनाया जाता है। होला-मोहल्ला में निहंग सिखों द्वारा मार्शल आर्ट्स और दूसरी अद्भुत कलाबाजियों से साहस और उल्लास का प्रदर्शन किया जाता है। 6 दिन तक चलने वाले इस पर्व का सिखों के लिए खास महत्व है और दुनिया भर से सिख इस त्योहार का हिस्सा बनने के लिए यहां आते हैं। इस बार अगर होली का अलग अनुभव करना चाहते हैं तो पंजाब के आनंदपुर साहिब आपका अगला डेस्टिनेशन है। यकीन मानिए होली मनाने का ऐसा सिख अंदाज आपने पहले नहीं देखा होगा।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में होली डोल पूर्णिमा या डोल यात्रा के रूप में मनाई जाती है। इस दिन बंगाल की समृद्धि और संस्कृति का प्रदर्शन होता है। रवींद्र संगीत, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा, वंसतोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आपको जगह-जगह देखने के लिए मिल जाएगा। नई ऋतु के स्वागत की खुशी में वंसोत्सव मनाया जाता है और इस दिन महिलाएं पीले या हरे रंग के कपड़े पहनती हैं और लोग एक-दूसरे पर रंग लगाकर इस त्योहार मनाते हैं।
कर्नाटक
कर्नाटक में होलिका दहन को ‘कामादहन’ कहा जाता है। शहर भर में जगह-जगह पर कामादहन का आयोजन होता है जिसका अर्थ है कामेच्छाओं पर विजय। हुबली में रंगों से खेले जाने वाली रंग पंचमी का खास महत्व है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो उत्तर भारत की हुड़दंग होली एकतरफ और हुबली की शांत और सज्जनों वाली होली एकतरफ। इस होली को एक बार खेलना तो बनता ही है।
मुंबई
मुंबई एक ऐसा शहर हैं जो अलग-अलग धर्म और संस्कृति के लोग हैं और ऐसे में यहां होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। बच्चे छत और बालकनी में पानी के गुब्बारों के साथ सुबह से ही तैयार रहते हैं और आने-जाने वालों पर रंग और गुब्बारे फेंकते हैं। होली के दिन बच्चों का जोश देखते ही बनता है क्योंकि होली का त्योहार आने तक बच्चों के ऊपर से एग्जाम का प्रेशर भी कम होने लगता है। या तो बच्चों कोी परीक्षाएं खत्म हो चुकी होती हैं या फिर एक-दो एग्जाम ही बचे होते हैं। ऐसे में बच्चे इस त्योहार का पूरा लुत्फ उठाते हैं। होली की असली हुड़दंग देखनी हो तो एक बार मुंबई की होली का नज़ारा वहां रहकर जरूर देखना चाहिए।
दिल्ली
होली की मस्ती और हुड़दंग की बात हो तो दिल्ली जैसी होली का कोई मुकाबला नहीं। इस दिन के लिए दिल्लीवालों की प्लानिंग हफ्तों पहले ही शुरू हो जाती है। खुली जगहों पर होली पार्टियों का भव्य आयोजन होता है जहां होली खेलने के साथ-साथ खाने-पीने और मस्ती का पूरा इंतजाम रहता है। गार्डन और टैरेस के साथ-साथ अब पूल साइड होली पार्टियों का आयोजन भी यहां देखते ही बनता है। होली के दिन इंडिया गेट जैसी खुली जगहों का नज़ारा देखते ही बनता हैं जहां भारी संख्या में रंगों से पुते लोग आपको होली खेलते हुए दिख जाएंगे। होली खेलने का न भूलने वाला अनुभव लेना चाहते हैं तो दिल्ली की होली एक बार खेलना तो बनता ही है।