बंगाल, बिहार और उड़ीसा जैसे राज्यों में जहां दुर्गा पूजा के दौरान मूर्ति स्थापाना और पंडाल निर्माण पर जोर रहता है वहीं, उत्तर भारत के राज्यों जैसे यूपी, दिल्ली और आसपास के राज्यों में नवरात्रि के नौ दिनों में रामलीला का आयोजन और दशमी के दिन दशहरा और रावण वध की धूम रहती है। दशहरा या विजयदशमी का त्योहार भगवान राम की रावण पर और देवी दुर्गा की महिषासुर पर जीत का प्रतीक है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन जगहों के बारे में जहां का दशहरा, देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फेमस है…
मैसूर का दशहरामैसूर का दशहरा भी वर्ल्ड फेमस है। यहां दशहरे के मौके पर निकलने वाली झांकी को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं। मैसूर का दशहरा सेलिब्रेशन 9 दिनों तक चलता है और आखिरी दिन यानीं दसवें दिन विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान ग्रैंड प्रोसेशन निकाला जाता है औऱ सिर्फ मैसूर पैलेस ही नहीं बल्कि पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया जाता है। शहर के प्रमुख चामुंडेश्वरी मंदिर में भी दशहरा फेस्टिवल जोर शोर से मनाया जाता है।
कुल्लू का दशहरा
ऐसी मान्यता है कि कुल्लू का दशहरा सेलिब्रेशन 17वीं शताब्दी में शुरू हुआ था जब कुल्लू राजा-महाराजाओं का गढ़ माना जाता था। यहां का दशहरा सेलिब्रेशन भी अलग ही लेवल पर होता है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने-अपने आराध्य देव की मूर्ति को डोली में बिठाकर झांकी निकाली जाती है और मंदिर मैदान में स्थित कुल्लू के मुख्य भगवान भगवान जगन्नाथ से मिलने पहुंचते हैं। यहां दशहरा का उत्सव 7 दिनों तक चलता है जिसमें नाच-गाने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
बस्तर का दशहरा
आपको जानकर हैरानी होगी कि बस्तर का दशहरा पूरे 75 दिनों तक चलता है। छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे खूबसूरत शहर है बस्तर जो अपनी प्राकृतिक और आदिवासी संस्कृति के साथ ही दशहरा सेलिब्रेशन के लिए भी मशहूर है। हालांकि बस्तर के दशहरे में भगवान राम या रामायण से जुड़ा को भी किरदार शामिल नहीं होता। ऐसी मान्यता है कि बस्तर या जगदलपुर के दशहरे की शुरुआत 13वीं शताब्दी में काकातिया राजा ने की थी जो यहां उस वक्त शासन करते थे। दशहरे के मौके पर रथ यात्रा भी निकाली जाती है।
विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
कृष्णा नदी के किनारे बने श्री कनका दुर्गा मंदिर से दशहरा की 10 दिनों की शुरूआत होती है। यहां कनक दुर्गा देवी को दस दिनों तक अलग-अलग अवतारों में सजाया जाता है। वहीं विजयवाड़ा कनक दुर्गा मंदिर की भी खास आभा देखते ही बनती है। यहां दशहरा के समय कई तरह की पूजा होती है जिसमेे सरस्वती पूजा की खास मान्यता है। इसके अलावा काफी संख्या में श्रद्धालु कृष्णा नदी में स्नान भी करते हैं।