उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों का शहर लखनऊ अपनी नज़ाकत और बोलचाल के अलावा खानपान के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है। नॉन-वेजिटेरियन्स से लेकर वेजिटेरियन्स तक हर एक के लिए यहां खाने-पीने की कोई कमी नहीं। शाम होते ही हजरतगंज की दुकानें सजने लगती हैं तो वहीं अमीनाबाद की गलियों पूरे दिन टुंडे कबाब की खुशबू से गुलजार रहती हैं। खाने के शौकिनों ने तो यहां बन और चाय तक को मशहूर बना दिया है। तो लखनऊ आकर किन चीज़ों का स्वाद लेना बिल्कुल भी न मिस करें, जानेंगे आज इसके बारे में।

टुंडे कबाब
नवाबों का शहर लखनऊ अपने खास टुंडे कबाब के लिए पूरे दुनियाभर में मशहूर है। टुंडे कबाब का इतिहास भी इसके स्वाद जितना ही खास है। टुंडे का मतलब होता है दिव्यांग (हैंडीकैप्ड)। कहते हैं कि इसे पहली बार जिसने बनाया था वो हैंडीकैप्ड था इसलिए कबाब का नाम टुंडे कबाब पड़ा। इस कबाब को बनाने में लगभग 100 तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है फिर भी इसे खाने पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। मुंह से जाते ही घुल जाने वाले इन कबाब को रूमाली रोटी के साथ परोसा जाता है। इनके अलावा शामी से लेकर बोटी, काकोरी, गलौटी और सीक कबाब जैसी कई दूसरी वैराइटी भी यहां अवेलेबल है। वैसे लखनऊ की गलियों में आपको मुगलई जायका भी चखने को मिल जाएगा। नॉन-वेजिटेरियन्स को ये जगह बहुत भाती है।

बिरयानी
कबाब के अलावा बिरयानी यहां की दूसरी सबसे मशहूर डिश है जिसे यहां आकर खाना बिल्कुल भी न मिस करें। सीज़नल सब्जियों और चावल से बनी हुई बिरयानी की पहली बाइट ही काफी है आपको इसका दिवाना बनाने के लिए। तीखी मसालेदार से लेकर कम मसाले वाली कई सारी वैराइटी में मिलती है ये बिरयानी। लेकिन सबसे बेस्ट है यहां कि वेज हांडी दम बिरयानी।

प्रकाश की कुल्फी
आइसक्रीम खाने का जितना मजा गर्मियों में है उतना ही सर्दियों में भी। और लखनऊ की प्रकाश कुल्फी तो शहर भर में मशहूर है। जिसे ट्राय करना बिल्कुल भी न मिस करें। अलग-अलग कलर और फ्लेवर्स वाली कई सारी कुल्फी में सबसे खास होता है फालूदा। वैसे तो ऑर्डर देने के कुछ ही मिनट बाद आपके हाथ में होगी ये कुल्फी, लेकिन अगर इसके लिए अगर थोड़ा इतंजार भी करना पड़े तो निराश नहीं होंगे इसकी गारंटी है।

लखनवी पान
लखनऊ आकर यहां का पान नहीं चखा तो बहुत कुछ मिस किया। क्योंकि इसके बगैर तो यहां का खाना ही पूरा नहीं माना जाता। यहां के पान में आपको सिर्फ पत्ते, सुपारी और गुलकंद का स्वाद नहीं मिलता बल्कि और भी कई फ्लेवर्स का मैजिक मौजूद होता है। जिसका स्वाद लेने के लिए लोग खाना खाने के बाद सड़कों पर सैर करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।

वेज कबाब पराठा
नाम सुनकर पता लग ही गया होगा आपको कि ये वेज पराठा है। जिसका अलग स्वाद आपको बहुत पसंद आएगा और बार-बार खाने का दिल करेगा। वेज कबाब पराठे को आप सुबह के नाश्ते से लेकर शाम की चाय के साथ कभी भी खा सकते हैं। पराठे को जायकेदार कबाब के साथ परोसा जाता है।

शीरमाल
ये एक मीठा नान होता है जिसे तंदूर में पकाया जाता है। दूध, चीनी से बनने वाले इस नान में स्वाद बिखरने का काम करता है इसमें मिलाया जाने वाला केसर।

मलाई-मक्खन
अगर आपको मीठा खाने की तलब लग रही है लेकिन मिठाई, चॉकलेट और आइसक्रीम से कुछ अलग ट्राय करना चाह रहे हैं जिसका स्वाद हमेशा रहे याद तो यहां का मलाई-मक्खन ट्राय करें। ये लखनऊ की बहुत ही खास डिशेज़ में से एक है और सर्दियों में ज्यादातर जगहों पर खाने को मिलेगी। इसे कई जगहों पर निमिश भी कहा जाता है। दूध से बनने वाली इस डिश का टेक्सचर गाढ़ा होता है जिसे ऊपर से ड्राय फ्रूट्स के साथ सर्व किया जाता है।

टोकरी चाट (बॉस्केट चाट)
तीखा-चटपटा खाने के शौकिन हैं तो यहां का बॉस्केट चाट आपको जरूर पसंद आएगा। शाम होते ही लखनऊ की गलियां तवे पर सुनहरे-पीले बास्केट से सज जाती हैं। और ऑर्डर मिलते ही शुरू होता है इसे सजाने का काम। आलू, मटर, दही, चाट मसाले और अनार दाने के साथ इस चाट को आप शाम की चाय के साथ कर सकते हैं एन्जॉय।