राजस्थान के पुष्कर में लगने वाला फेमस सालाना मेला सोमवार को शुरू हो गया। नौ दिन तक चलने वाले इस अतंरराष्ट्रीय मेले में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस बार मेले की शुरुआत पुष्कर सरोवर की पूजा-अर्चना के साथ हुई और मेला स्टेडियम में ध्वजारोहण भी किया गया है। मेला मैदान में आयोजित इस मेले के दौरान सोमवार को नगाड़ा वादन, सजावटी ऊंट का प्रदर्शन, मांडना प्रतियोगिता, स्कूली बच्चों की ओर से कार्यक्रम के साथ-साथ ग्रामीणों और विदेशी पर्यटकों के बीच ‘चक दे राजस्थान’ फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया। साथ ही शाम को पुष्कर के 52 घाटों पर दीपदान के साथ महाआरती होगी।
बारह नवंबर तक चलने वाले इस मेले में बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों और पशुधन क्रेता विक्रेताओं के भाग लेने की संभावना है। पशुमेले में ऊंट, घोड़ों और गौवंश आदि की खरीद फरोख्त की जाती है। वहीं पांच दिवसीय धार्मिक मेला (पंचतीर्थी स्नान) 8 नवंबर को कार्तिक एकादशी स्नान से शुरू होगा जिसका समापन 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा। मेले में रोज शाम छह बजे मेला ग्राउंड पर महात्मा गांधी पर फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। नौ नवंबर को रवि पंवार तथा 11 नवंबर को कैलाश खैर प्रस्तुति देंगे।
पुष्कर मेला काफी खूबसूरत तरीके से मनाया जाता है। ऊंटों को बेहतरीन तरह से सजाया जाता है। इनका ब्यूटी कॉन्टेस्ट और डांस भी होता है। इसके अलावा यहां कई नृतक, गायक, जादूगर और सपेरे भी हिस्सा लेते हैं। पुष्कर आने के लिए दिल्ली, जयपुर, आगरा जैसे प्रमुख शहरों से बस सेवा उपलब्ध है। ज्यादातर पर्यटक पहले अजमेर पहुंचते हैं और फिर वहां से पुष्कर आते हैं। यहां आप ट्रेन और फ्लाइट से भी पहुंच सकते हैं।
अगर आप पुष्कर मेला घूमने का प्लान बना रहे हैं तो बेहतर है कि ठहरने के लिए होटेल्स पहले से बुक कर लें। मेले के दौरान पुष्कर के आसपास की जगहों की रौनक देखते बनती है। देश-विदेश से लोग इस मेले को देखने आते हैं। इसलिए यहां के होटेल्स भी भर जाते हैं। इस वार्षिक मेले में दूर-दराज के गांवों से से लोग अपने पशु लेकर आते हैं। पुष्कर पशु मेला उन लोगों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है जो सांस्कृतिक पर्यटन में रुचि रखते हैं। यहां पशु मेले के साथ ही आपको राजस्थानी रीति-रिवाज का भी अच्छा दृश्य देखने को मिलेगा।