अगर आप घूमने के शौकीन हैं और अब तक नॉर्थ ईस्ट को एक्सप्लोर नहीं किया है तो आपने शायद बहुत कुछ मिस किया है। यूं तो वहां घूमने के लिए कई पर्फेक्ट डेस्टिनेशन्स हैं लेकिन इनमें ‘असम’ खास है। यह तब और खास हो जाता है जब आप यहां के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक ‘बिहू’ के दौरान विजिट करें। हम आपको बता रहे हैं बिहू फेस्टिवल के बारे में, इसके बाद आप भी असम का रुख करने को मजबूर हो जाएंगे…
क्या है बिहू फेस्टिवल
बिहू असम के सबसे खास त्योहारों में से एक है। इसमें यहां के स्थानीय लोग मौसम की पहली फसल को अपने देवता शबराई को अर्पित करते हैं ताकि उनका घर हमेशा अनाज से भरा रहे। इस दिन नए कपड़े पहनने की भी परंपरा है। गांवों में किसान अपने खेतों में जाते हैं और ‘स्काइ लैम्प’ जलाते हैं ताकि कीड़े-मकौड़े दूर हो जाएं।
धर्म-जाति की बंदिश नहीं
बिहू फेस्टिवल के दौरान असम और भी खूबसूरत लगता है। खास बात यह है कि इस त्योहार के लिए जाति और धर्म जैसी चीजें आड़े नहीं आती हैं और इसे हर तरह के लोग मनाते हैं।
फेस्टिवल का समय
बिहू फेस्टिवल 15 से 21 अप्रैल 2019 के बीच मनाया जा रहा है। ऐसे में अगर आप असम जाने की प्लानिंग करते हैं तो आप भी फेस्टिवल का हिस्सा हो सकते हैं।
तीन तरह का होता है बिहू फेस्टिवल
बता दें, यह त्योहार साल में एक नहीं बल्कि तीन बार आता है और इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अप्रैल में मनाए जाने वाले बिहू को रोंगाली और बोहाग कहते हैं। अक्टूबर के बिहू को कंगाली और काती कहा जाता है। जनवरी में मनाए जाने वाले बिहू को भोगाली और माघ बिहू कहते हैं।
होते हैं अलग-अलग कार्यक्रम
असम के लोग फेस्टिवल के दौरान तमाम तरह के कार्यक्रम करते हैं। बिहू में लोग बिहू डांस करते हैं जो यहां का पारंपरिक नृत्य है। ढोल, बांसुरी, पेपा, ताल की थाप पर नाचते महिला-पुरुषों का परिधान भी देखते बनता है। इसके अलावा पकवानों के साथ हरी पत्तियों वाली साग-सब्जी खाई जाती है।