होली के त्योहार का जैसा उत्सव भगवान श्रीकृष्ण की नगरी ब्रज में मनाया जाता है। वैसा शायद ही भारत में कहीं ओर मनाया जाता होगा। एक महीने से भी अधिक समय तक चलने वाले इस महोत्सव में मथुरा-वृंदावन में कई होलियां खेली जाती हैं। इनमें लठ्ठमार होली, फूलों की होली, विधवा महिलाओं को होली, बांके बिहारी मंदिर की लोक प्रसिद्ध होली और द्वारकाधीश मंदिर की होली शामिल हैं।
हालांकि इस बार गोवा के पूर्व सीएम स्व. मनोहर पर्रिकर के देहांत के कारण विधवा महिलाओं ने होली नहीं खेली। कल यानी होली के त्योहार के दिन 21 मार्च को मथुरा के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में खेली जाएगी। मंदिर के द्वार सुबह 10 बजे खुलेंगे। अगर आप इस समय मथुरा में ही हैं तो यहां पहुंचकर होली का आनंद ले सकते हैं। अगर मथुरा के आसपास हैं तो 2-3 घंटे के सफर में मथुरा जाकर भगवान कृष्ण के चरणों में होली का आनंद ले सकते हैं। यहां पर देश के साथ-साथ विदेशों से भी लोग आते हैं। लोगों की भीड़ काफी मात्रा में होती है।
यहां रंग और भांग के संगम से आप भक्ति में डूब जाएंगे। जहां तक हो सके खाने का प्रबंध आप खुद करके लाएं। अधिक भीड़ होने के कारण परेशानी हो सकती है। अगर आप दिल्ली से मथुरा जा रहे हैं तो आपको 3 घंटे का समय लगेगा। दिल्ली से मथुरा के बीच की दूरी लगभग 180 किलोमीटर है। 21 मार्च के बाद 22 मार्च को बलदेव में दाऊजी का हुरंगा (कोड़ामार होली) खेली जाएगी।