इस वीकेंड कहीं जाने का प्लान और चाहते हों कि शहर का शोर-शराबा या फिर मोबाइल और लैपटॉप से दूर कहीं सुकून हो। कुछ वक्त आप प्रकृति के बीच अपने और अपनी फैमिली के साथ बिताएं। तो आइए बताते हैं आपको ऐसी ही कुछ ऑफबीट डेस्टिनेशन्स के बारे में। जहां आपको प्रकृति की खूबूसूरती को बेहद करीब से देखने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही आप तमाम मस्ती भी कर पाएंगे।
Abbott Mount
उत्तराखंड में वीकेंड्स के लिए यह जगह लोगों की पहली पसंद है। लोहाघाट से कुछ ही दूरी पर स्थित है यह खूबसूरत सा अबॉट माउंट। यहां आपको प्रकृति के तमाम रंग देखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा आप यहां ट्रैकिंग, फिशिंग, फटॉग्राफी और पक्षियों को देखने का सुखद अनुभव ले सकते हैं।
Lohaghat
कहा जाता है कि लोहाघाट आने वाले पहले यूरोपियन बैरॉन ने इस जगह को देखकर कहा था कि जब स्वर्ग यहीं है तो कशमीर क्यूं जाना। सड़कों के किनारे लगे देवदार के वृक्ष, रंग-बिरंगे फूल इस जगह को जन्नत जैसा खूबसूरत बना देते हैं। यहां आपको ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों ही तरह की सभ्यता और संस्कृतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
Naukuchiatal
इस लेक की कहानी अद्भुत है। नौ कोनों वाला यह ताल वाकई अपने साथ तमाम रहस्यों को समेटे हुए है। कहा जाता है कि अगर किसी ने इस ताल के नौ कोनो को एक साथ देख लिया तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ताल के इन नौ कोनों की वजह से इस जगह का नाम नौकुचियाताल पड़ा यहां वीकेंड्स पर अच्छी-खासी भीड़ होती है।
अद्भुत है। नौ कोनों वाला यह ताल वाकई अपने साथ तमाम रहस्यों को समेटे हुए है। कहा जाता है कि अगर किसी ने इस ताल के नौ कोनो को एक साथ देख लिया तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ताल के इन नौ कोनों की वजह से इस जगह का नाम नौकुचियाताल पड़ा यहां वीकेंड्स पर अच्छी-खासी भीड़ होती है।
Kausani
कसौनी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत का स्विटजरलैंड कहा था। यहां हिमालय की चोटियां और देवदार के वृक्ष बरबस ही लोगों की नजरें अपनी ओर खींच लेते हैं। इसके अलावा यहां बसे गांव प्रकृति के सौंदर्य की एक अलग ही कहानी कहते हैं। यहां भी वीकेंड्स पर लोगों की खूब भीड़ इकट्ठा होती है।
Mandal
वीकेंड्स के लिए उत्तराखंड के मंडल को सबसे मुफीद माना जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि यहां नेटवर्क नहीं रहता यानी कि मोबाइल और किसी भी तरह की सोशल साइट्स का नशा यहां किसी काम का नहीं। यहां का वक्त बस आप अपने साथ बिताते हैं। तो ऐसे में शहर के शोर-शराबे से दूर अक्सर ही लोग मंडल आकर सुकून फरमाते हैं।