दुनिया के सात अजूबे एक ही जगह देखने को मिल जाएं तो। जी हां, कुछ महीने पहले ही निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन के पास बना पहला वंडर पार्क दर्शकों के लिए खोला गया है। इसमें ताजमहल, पीसा की मीनार, एफिल टॉवर, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी…सभी हैं। तो आइए देखें एक झलक इस पार्क की।
द कोलोजियम
द कोलोजियम, ओवल शेप में बने रोम के एंपीथिएटर को यहां रीक्रिएट किया गया है। इसमें कार व्हील्स, पिलर्स, गियर, एंगल्स, स्क्वेयर, मेटल पाइप्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स और इलेक्ट्रिक पोल्स आदि का इस्तेमाल किया गया है।
स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी
32 फीट ऊंची इस स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में पाइप्स, रिक्शा के एंगल्स, इलेक्ट्रिक वायर्स, साइकिल चेन, टॉर्च और मेटल शीट्स का इस्तेमाल किया गया है।
पीसा की मीनार
यूरोप की स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है थोड़ी झुकी हुई पीसा की मीनार। इस 39 फीट ऊंची मीनार में केबल वायर व्हील्स, ट्रक मेटल शीट्स, चैनल्स, एंगल्स और क्लच प्लेट्स का इस्तेमाल किया गया है।
ताजमहल
खुद ही अपना परिचय है। असली ताजमहल से मेल खाता 37 फीट ऊंचा यह ताजमहल यहां दर्शकों के आकर्षण का खास केंद्र है। इसमें नट्स-बोल्ट, साइकिल रिंग्स, ओल्ड यूटेंसिल्स, इलेक्ट्रिक पाइप्स और पुरानी जालियों का इस्तेमाल किया गया है।
क्रिस्ट द रीडीमर
क्रिस्ट द रीडीमर ब्राजील की ऐतिहासिक राष्ट्रीय धरोहर है। इस 25 फीट ऊंचे स्टेच्यू को बनाने में बाइक चेन्स, इलेक्ट्रिक पाइप्स, ऑटोमोबाइल वेस्ट का इस्तेमाल किया गया है।
गीज़ा का पिरामिड
मिस्त्र में गीजा के सबसे पुराने और बड़े पिरामिड को बनाने में 20 साल का समय लगा था जबकि पाइप्स, एंगल्स और ट्रक के मेटल शीट्स से बना यह पिरामिड 80 दिन में बनकर तैयार हुआ।
एफिल टॉवर
एफिल टॉवर को देखने पेरिस नहीं जा सकते तो क्या हुआ, इस 70 फीट की मीनार को देख लें। इसे बनाने में ट्रक, पेट्रोल टैंक्स, एंगल्स आदि का इस्तेमाल किया गया है।