झारखंड की कला और संस्कृति की पहचान पूरे देश में है। यहां का खान-पान भी देश के बाकी राज्यों से काफी अलग है। यहां का अधिकांश हिस्सा जंगल से जुड़ा होने के कारण यहां के खाने-पीने में भी आदि संस्कृति की छाप दिखती है। यहां के व्यंजनों में जंगली साग और चावल का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है। जब झारखंड के लाजवाब खाने की बात आती है तो यहां चावल से बने व्यंजन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं और खाने-खिलाने में पसंद भी किये जाते हैं। झारखंड के लगभग सभी इलाकों में चावल की पैदावार होती है और यही कारण है की चावल से बने विभिन्न व्यंजन को अलग-अलग रूपों में पेश किया जाता है। आप भी जानिए यहां की सर्वाधिक प्रचलित 5 डिशेज के बारे में…
पीठा धनिए की चटनी के साथ
इसे आटा, सूजी और चावल से मिलाकर बनाया जाता है। इसमें सब्जियों और दाल की स्टफिंग रहती है। हालांकि कई अन्य राज्यों में भी पीठा बनाया जाता है। लेकिन झारखंड जैसा स्वाद किसी राज्य के पीठे में आपको नहीं मिलेगा। इसको यहां धनिए की चटनी के साथ खाए जाने का चलन है।
झारखंड का मालपुआ
वैसे तो मालपुआ एक कॉमन डिश है और देश के बाकी राज्यों में भी परोसी जाती है। मगर झारखंड में मालपुआ धार्मिक और शुभ कार्यों में सबसे पहले प्रयोग किया जाता है। आटा, दूध, केले, चीनी और मलाई के मिश्रण को तैयार करके पहले डीप फ्राई किया जाता है और फिर उसे चाशनी में डुबोकर परोसा जाता है। अगर आप भी झारखंड आने के बारे में सोच रहे हैं तो यहां के रसीले मालपुए अवश्य खाएं।
हांडिया, लिक्वर ऑफ झारखंड
इसे झारखंड की देसी शराब भी कहा जाता है। 20 से 25 जंगली जड़ीबूटियों को उबले चावलों के साथ मिलाकर कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। यह एक हफ्ते में तैयार हो जाती है। इसे यहां राइस बीयर के नाम से भी जाना जाता है।
ठेकुए की महक
ठेकुआ मुख्य रूप से बिहार और झारखंड की डिश मानी जाती है। इसे गेहूं और चावल के आटे के मिश्रण से तैयार किया जाता है। छठ के महापर्व में ठेकुए से छठ मैय्या को भोग लगाया जाता है। समय के साथ-साथ अब ठेकुए के स्वाद में भी परिवर्तन आ गया है। कुछ लोग अब इसे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए मावे, नारियल और तिल का भी प्रयोग करने लगे हैं।
खास है चिलका रोटी
हर राज्य में तीज-त्योहार में कुछ खास व्यंजन बनाए जाते हैं। उन्हीं खास व्यंजनों में से एक है झारखंड की चिलका रोटी। चिलका रोटी यहां का फेमस फूड है और इसे बेसन और चावल से तैयार किया जाता है। देखने में यह कई बार डोसे जैसा लगता है, लेकिन इसका स्वाइ लाजवाब होता है। इसे यहां चटनी के साथ सर्व किया जाता है।