महाराष्ट्र के कोर्लई कस्बे में स्थित एक पुर्तगाली किला है कोर्लई फोर्ट। यह किला ऐतिहासिक महत्व का है जो कि प्राचीन भारत की झलक दिखाता है। अगर आपको पुरानी जगहों पर जाना पसंद है तो आपको कोर्लई फोर्ट जरूर जाना चाहिए।
यह किला अरब सागर के किनारे पर है। यह जगह कभी बाजुपर के निजामशाह का बंदरगाह हुआ करती थी। बाद में 1521 में पुर्तगालियों ने इसे अहमदनगर के सुल्तान के शासनकाल में किले के रूप में बनवाया था। ये सुल्तान की प्रॉपर्टी था लेकिन पुर्तगाली इसे हमेशा जीतना चाहते थे। 1594 में इसे पुर्तगाली कैप्टन ने इसे अहमदनगर के सुल्तान से जीत लिया था। हालांकि पुर्तगाली सेना काफी छोटी थी तो वह किले को संभाल नहीं पाई और उन्होंने इसे नष्ट करने का फैसला लिया। इसिलए अब आपको टूटा-फूटा किला ही दिखेगा।
पुराना हो जाने की वजह से यह किला टूट-फूट गया है। किले की चोटी से अरब सागर बेहद खूबसूरत नजर आता है। किला बहुत बड़ा है, बताते हैं अपने समय में यहां हजारों घोड़े और कई इंसान फिट हो सकते थे। किले को इस तरह से बनाया गया है कि इसे भेदना कठिन है।
क्यों जाएं कोर्लई फोर्ट
हालांकि कोर्लई फोर्ट अब जीर्ण अवस्था में है लेकिन यहां कुछ ऐसी जगहें बाकी हैं जहां आप इतिहास के बारे में काफी रोचक बातें जान सकते हैं। अगर आप आर्किटेक्चर पसंद करते हैं तो आपको यहां जरूर जाएं। यहां का सनसेट और चट्टानों पर टकराती सागर की लहरें काफी खूबसूरत दिखती हैं। नेचर लवर्स और फटाग्रफर्स का भी यह फेवरिट प्लेस है।